sureshjain.com2024-08-27T17:14:29+05:30 जहाँ कर्म से भाग्य बदलते, श्रम निष्ठा कल्याणी है। त्याग और तप की गाथाएँ, गाती कवि की वाणी है॥ ज्ञान जहाँ का गंगा जल सा, निर्मल है अविराम है। हर बाला देवी की प्रतिमा, बच्चा-बच्चा राम है॥