चलो कल्पनवाओं का सैर करे दुनियां के भीड़ से पार चले उन्मुक्त भाव उड़ने के चाह भरे मन के उम्मीदें पे पंख जड़े होले होले दुनियां से पार चले जन्नत के चौखट पे पग रखे अलग ही जहां का दीदार करे होगी अनुभूति जो ख्याल करे चांद सितारों दरम्यान रवि रहे बिखरे रोशनी से आफताब हुए ..!!
