अदाओं का खेल है बहुत सारा. कुछ लोग ज़िस्म पर भी मरते होंगे.!
18Mar
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जिददी हूँ, गुस्से वाला हूँ, बतमीज़ हूँ, बेपरवाह हूँ, लेकिन मैंने कभी किसी से रिश्ता मतलब के लिए नहीं रखा..!!
तन्हा जीवन, उदास हम, किस्मत पर कांटे उग आएं हैं, क्या सुनाएं दास्तान अपनी, अंदर कितने राज़ छिपाएं हैं..!!
सुनो साहिब, तुम्हारे प्रेम के रंगों से रंगीन हुआ मेरा बेरंग उदास सूना जीवन। जी नहीं सकती अब कभी भी तुमसे दूर रह मर जाऊंगी तुम्हारे बिन। ख्वाहिश नहीं मुझे ज्यादा चीजों की सिर्फ़ चूड़ियां कभी अपनी पसंद की पहना देना, पायल तो नहीं पहनूंगी तुमसे कदमों में अपने कभी तुम्हें नहीं झुकाना।
शेर को पालने में उतना खर्चा नहीं है जितना मेकअप और पब्लिसिटी कर सियार को लगातार शेर के रूप में प्रस्तुत करने में है।